सुप्रीम कोर्ट ने दिया एमबीबीएस विद्यार्थी को न्याय

श्रीनगर। वर्ष 2010 में यूपीएमटी प्रवेश परीक्षा की मेरिट सूची के माध्यम से चयनित होकर राजकीय मेडिकल कालेज में प्रवेश पाने वाले अभिषेक शर्मा को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला। 2010 में प्रवेश पाने वाला अभिषेक सितंबर 2013 में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा देगा।
उत्तराखंड प्री मेडिकल टेस्ट के लिए वर्ष 2010 में हरिद्वार के अभिषेक शर्मा ने भी आवेदन किया और प्रवेश परीक्षा देने के बाद मेरिट की सूची में 88वां स्थान पाया। इसके बाद उसे श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कालेज में प्रवेश मिल गया।
वर्ष 2011 में वार्षिक परीक्षाओं से ठीक पहले एमसीआई का एक फरमान अभिषेक को मिला, जिसमें इंटरमीडिएट कक्षा में अंग्रेजी विषय न होने के कारण उसे एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए अयोग्य करार दिया गया। एमसीआई के इस निर्देश पर मेडिकल कालेज ने अभिषेक को प्रथम वर्ष की परीक्षा से वंचित कर दिया। एमसीआई के निर्देश के विरुद्ध अभिषेक के पिता डा. रामसेवक शर्मा ने हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अगस्त 2012 में अंग्रेजी विषय से इंटरमीडिएट करने के बाद जुलाई 2013 में अभिषेक की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा ले ली जाए। हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ एमसीआई सुप्रीम कोर्ट गई। गत 26 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले में कोर्ट ने अभिषेक की परीक्षा शीघ्रातिशीघ्र लेने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं।
– मई माह में जब वर्ष 2012 के विद्यार्थियों की प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हुई, तो अभिषेक ने अंग्रेजी से इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की थी। अब वह 67 प्रतिशत अंक लाकर अंग्रेजी विषय से इंटर कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर सितंबर माह में उसकी प्रथम वर्ष की परीक्षाएं ले ली जाएंगी। – डा. वीएल जहागिरदार, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज।

अंग्रेजी को लेकर 2010 से पहले नहीं थी स्थिति स्पष्ट
वर्ष 2010 से पूर्व मेडिकल क्षेत्र में अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता के लिए एमसीआई ने कोई नियम जारी नहीं किया था। इसी तरह, उस वर्ष प्रवेश परीक्षा ले रही एजेंसी ने भी अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता के संदर्भ में कोई शर्त प्रोस्पेक्टस में दर्ज नहीं की थी। आवेदन के बाद प्रवेश परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र मिलने से लेकर काउंसिलिंग तथा प्रवेश होने तक अभिषेक से किसी भी कमेटी ने इस संदर्भ में कोई प्रश्न तक नहीं किया। इंटरमीडिएट में जरूरी रसायनशास्त्र, भौतिक विज्ञान तथा जीव विज्ञान विषय होने के कारण उसे प्रवेश दे दिया गया था।

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